१९८४ लोकसभा निवडणुका
general election in India | |||
माध्यमे अपभारण करा | |||
विकिपीडिया | |||
प्रकार | भारतीय सार्वत्रिक निवडणुका | ||
---|---|---|---|
स्थान | भारत | ||
कार्यक्षेत्र भाग | भारत | ||
तारीख | डिसेंबर २४, इ.स. १९८४, डिसेंबर २७, इ.स. १९८४, डिसेंबर २८, इ.स. १९८४ | ||
मागील. |
| ||
पुढील | |||
यशस्वी उमेदवार | |||
उमेदवार | |||
| |||
१९८४ च्या लोकसभा निवडणुका या पंतप्रधान इंदिरा गांधी यांच्या हत्येनंतर २४, २७ आणि २८ डिसेंबर १९८४ रोजी भारतात घेण्यात आल्या. तरीही चालू बंडामुळे आसाम आणि पंजाबमधील मतदान १९८५ पर्यंत लांबले होते.
या निवडणुकीत राजीव गांधी (इंदिरा गांधींचे पुत्र) यांच्या भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (इंदिरा) पक्षाने प्रचंड विजय नोंदवला, व ५१४ जागांपैकी ४०४ जागा जिंकल्या आणि विलंब झालेल्या जागांमधुन आणखी १० जागा जिंकल्या. आंध्र प्रदेश राज्यातील प्रादेशिक राजकीय पक्ष एन.टी. रामाराव यांचा तेलुगू देसम पक्ष ३० जागा जिंकून दुसऱ्या क्रमांकाचा पक्ष होता. अशा प्रकारे राष्ट्रीय विरोधी पक्ष बनण्याचा हा पहिला प्रादेशिक पक्षाचा मान मिळवला. तामिळनाडूच्या अखिल भारतीय अण्णा द्रविड मुन्नेत्र कळघमने काँग्रेससोबत युती करून १२ जागा जिंकल्या.[१]
नोव्हेंबरमध्ये इंदिरा गांधींच्या हत्येनंतर आणि १९८४ च्या शीखविरोधी दंगलीनंतर लगेचच मतदान घेण्यात आले आणि गांधींच्या मृत्यूनंतर मोठ्या प्रमाणात सार्वजनिक शोक झाल्यामुळे बहुतांश भारतीय मतदारांनी काँग्रेसला पाठिंबा दिला.
१९८४ नंतर २०१४ मध्येच एखाच्या पक्षाने बहुमताने जागा जिंकल्या होत्या आणि आजपर्यंतची ही एकमेव वेळ होती ज्यामध्ये एका पक्षाने ४०० पेक्षा जास्त जागा जिंकल्या होत्या.
निकाल
राजकीय पक्ष | मते | जागा | |
---|---|---|---|
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | 115478267 | ४०४ | |
तेलुगू देशम पक्ष | 10132859 | ३० | |
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष (मार्क्सवादी) | 13809950 | २२ | |
अखिल भारतीय अण्णा द्रविड मुन्नेत्र कळघम | 3968967 | १२ | |
जनता पक्ष | 16210514 | १० | |
भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष | 6363430 | ६ | |
भारतीय काँग्रेस (समाजवादी) | 3577377 | ४ | |
क्रांतिकारी समाजवादी पक्ष | 1173869 | ३ | |
लोकदल | 14040064 | ३ | |
जम्मू आणि काश्मीर नॅशनल कॉन्फरन्स | 1010243 | ३ | |
अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक | 1055556 | २ | |
केरळ काँग्रेस (जोसेफ) | 598113 | २ | |
इंडियन युनियन मुस्लिम लीग | 658821 | २ | |
भारतीय जनता पक्ष | 18202853 | २ | |
द्रविड मुन्नेत्र कळघम | 5695179 | २ | |
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (जगजीवन) | 1511515 | १ | |
शेतकरी कामगार पक्ष | 463963 | १ | |
अपक्ष | 18623803 | ५ | |
नामांकित अँग्लो-इंडियन | - | २ | |
वैध मते | 235,184,209 | ५१६ | |
अवैध मते | 6,062,678 | - | |
एकूण मते | 241,246,887 | - | |
वैध मतदार | 379,540,608 | - |
आसाम आणि पंजाबमधील निवडणुका
२४ जुलै १९८५ रोजी पंतप्रधान राजीव गांधी आणि अकाली दलाचे नेते हरचंद सिंग लोंगोवाल यांच्यात राजीव-लोंगोवाल करारावर स्वाक्षरी झाल्यानंतर सप्टेंबर १९८५ मध्ये पंजाबमधील निवडणुका झाल्या. पंजाब विधानसभेच्या निवडणुकांसोबतच या निवडणुका झाल्या.[३] ऑगस्ट १९८५ मध्ये आसाम करारावर स्वाक्षरी झाल्यानंतर डिसेंबर १९८५ मध्ये आसाममध्ये निवडणुका झाल्या.[३]
राजकीय पक्ष | मते | जागा | |
---|---|---|---|
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस | 4628777 | १० | |
शिरोमणी अकाली दल | 2577279 | ७ | |
भारतीय काँग्रेस (समाजवादी) | 457705 | १ | |
प्लेन ट्रायबल्स काउंसिल ऑफ आसाम | 310150 | १ | |
अपक्ष | 4864958 | ८ | |
वैध मते | 14,401,125 | २७ | |
अवैध मते | 646,951 | - | |
एकूण मते | 15,048,076 | - | |
वैध मतदार | 20,834,725 | - |
संदर्भ
- ^ Kumaresan, S. (2019-03-04). "AIADMK- Congress combine ride on sympathy wave in 1984". The New Indian Express (इंग्रजी भाषेत). 2024-05-19 रोजी पाहिले.
- ^ ECI
- ^ a b Narain, Iqbal (1986). "India in 1985: Triumph of Democracy". Asian Survey. 26: 253–269. doi:10.2307/2644461.
- ^ ECI