हृषिकेश कानिटकर
| हृषिकेश कानिटकर | ||||
| व्यक्तिगत माहिती | ||||
|---|---|---|---|---|
| पूर्ण नाव | हृषिकेश हेमंत कानिटकर | |||
| जन्म | १४ नोव्हेंबर, १९७४ | |||
| पुणे,महाराष्ट्र,भारत | ||||
| फलंदाजीची पद्धत | उजखोरा | |||
| गोलंदाजीची पद्धत | उजव्या हाताने लेग ऑफ ब्रेक | |||
| आंतरराष्ट्रीय माहिती | ||||
| कारकिर्दी माहिती | ||||
| कसोटी | ए.सा. | |||
| सामने | २ | ३४ | ||
| धावा | ७४ | ३३९ | ||
| फलंदाजीची सरासरी | १८.५ | १७.८४ | ||
| शतके/अर्धशतके | ०/० | ०/१ | ||
| सर्वोच्च धावसंख्या | ४५ | ५७ | ||
| चेंडू | ६ | १००६ | ||
| बळी | ० | १७ | ||
| गोलंदाजीची सरासरी | ०.० | ४७.३४ | ||
| एका डावात ५ बळी | ० | ० | ||
| एका सामन्यात १० बळी | ० | ० | ||
| सर्वोत्तम गोलंदाजी | ०/२ | २/२२ | ||
| झेल/यष्टीचीत | ||||
जानेवारी १९९८ मध्ये ढाका येथे पाकिस्तानवर भारताच्या स्मरणीय विजयात पराभूत झालेल्या हृषीकेश कानिटकरचे नाव कायमस्वरूपी सक्वेन मुश्ताकवरील विजयी चौथ्याशी जोडले जाईल, जेव्हा संघाने स्वातंत्र्य चषक स्पर्धेतील अंतिम सामन्यात ३०० पेक्षा अधिक धावांचा प्रयत्न केला. तथापि, त्याच्या आंतरराष्ट्रीय करिअरमधील काही ठळक वैशिष्ट्यांमध्ये तो एक होता, ज्यात दोन कसोटी आणि ३४ एकदिवसीय सामने यांचा समावेश होता.