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सप्तचतुष्टय

सप्तचतुष्टय म्हणजे आत्म-पूर्णत्व योगाची मूलभूत तत्त्वे आहेत. श्रीअरविंद लिखित 'रेकॉर्ड ऑफ योग' या ग्रंथामध्ये त्यांनी स्वतः जी सप्तचतुष्टयात्मक साधना केली त्याचे सविस्तर वर्णन केले आहे.[]

रचना

क्र. नाव []सूत्र चार घटक
सिद्धि-चतुष्टय शुद्धिर्मुक्तीर्भुक्ति: सिद्धिरिति योगचतुष्टयम् शुद्धि,मुक्ती, भुक्ती, सिद्धी
ब्रह्म-चतुष्टय सर्वमनन्तं ज्ञानमानन्दं ब्रह्मेति ब्रह्मचतुष्टयम् सर्व, अनंत, ज्ञान, आनंद
कर्म-चतुष्टय कृष्ण: काली काम कर्मेति कर्मचतुष्टयम् कृष्ण, काली, कर्म, काम
शांती-चतुष्टय समता शांति: सुखं हास्यमिति शान्तिचतुष्टयम् समता, शांति, सुख, हास्य (आत्मप्रसाद)
शक्ति-चतुष्टय वीर्यं शक्तिश्चण्डीभाव: श्रद्धेति शक्तिचतुष्टयम् वीर्य, शक्ती, चण्डीभाव, श्रद्धा
विज्ञान-चतुष्टय ज्ञानं त्रिकालदृष्टिरष्टसिद्धि: समाधिरिति विज्ञानचतुष्टयम् ज्ञान, त्रिकालदृष्टी, अष्टसिद्धी, समाधी
शरीर-चतुष्टय आरोग्यमुत्थापना सौन्दर्यं विविधानंद इति शरीरचतुष्टयम् आरोग्य, उत्थापना, सौंदर्य, विविधानंद

संदर्भ

  1. ^ Glossary to the Record of Yoga. Pondicherry: Sri Aurobindo Ashram. pp. 156–157.
  2. ^ Sri Aurobindo (2001). THE COMPLETE WORKS OF SRI AUROBINDO. 10-11. Pondicherry: Sri Aurobindo Ashram Publication Department.