भवानीबाई महाडिक
| भवानीबाई महाडीक | ||
|---|---|---|
| राजकन्या | ||
| मराठा साम्राज्य | ||
| राजधानी | रायगड | |
| पूर्ण नाव | भवानीबाई शंकराजीराजे महाडीक | |
| पदव्या | राजकन्या | |
| जन्म | १६७८ | |
| शृंगारपूर, महाराष्ट्र | ||
| पूर्वाधिकारी | सखूबाई निंबाळकर | |
| उत्तराधिकारी | गजराबाई राजसबाई | |
| वडील | छत्रपती संभाजी महाराज | |
| आई | महाराणी येसूबाई | |
| पती | शंकराजीराजे महाडीक | |
| संतती | दुर्गोजी, अंबाजी | |
| चलन | होन | |
भवानीबाई महाडीक यांचा जन्म इ.स. १६७८ साली शृंगारपूर येथे झाला. भवानी बाई या छत्रपती शिवाजी महाराज व महाराणी सईबाई यांच्या नात व छत्रपती संभाजी महाराज व महाराणी येसूबाई यांच्या जेष्ठ कन्या होत्या. भवानीबाई यांचा विवाह महाडिक कुटुंबात हरजीराजे महाडिक आणि अंबिकाबाई यांचा पुत्र शंकराजी महाडिक यांच्याशी झाला. शंकराजींच्या मृत्यूनंतर भवानीबाई सती गेल्या.तारळे गावातील तारळे आणि काळगंगा या नद्यांच्या संगमावरती भवानीबाईंची समाधी आहे.भवानी बाई यांना दुर्गोजी आणि अंबाजी हे दोन पुत्र होते.