प्रोटॉन
प्रोटॉन | |
इतिहास | |
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यांनी सुचविला | विल्यम प्राउट(१८१५) |
शोधक | सर अर्न्स्ट रुदरफोर्ड(१९१९) |
सर्वसाधारण माहिती | |
वर्गीकरण (सांख्यिकीप्रमाणे) | फर्मिऑन |
संरचना | संयुक्त कण (१ डाउन, २ अप क्वार्क) |
कुळ | बॅरिऑन, हॅड्रॉन, न्युक्लिऑन |
अन्योन्यक्रिया | गुरूत्वाकर्षण, विद्युतचुंबकीय अन्योन्यक्रिया, सशक्त अन्योन्यक्रिया, अशक्त अन्योन्यक्रिया |
चिन्ह | p+, N+ |
प्रतिकण | प्रतिप्रोटॉन |
भौतिक गुणधर्म | |
वस्तुमान | ९३८.२७२०१३(२३)MeV/c२ १.६७२६२१६३७(८३)×१०-२७ कि.ग्रॅ. १.००७२७६४६६७७(१०) आ.व.ए. |
विद्युतभार | +१ प्र (e) |
चुंबकीय आघूर्ण | २.७९२८४७३५१(२८) |
विद्युतभार त्रिज्या | ०.८७७ fm |
विद्युत द्विध्रुव मोमेंट | < ५.४×१०-२४ e-cm |
विद्युत ध्रुवीकरण क्षमता | १.२०(६)×१०-३ fm३ |
चुंबकीय ध्रुवीकरण क्षमता | १.९(५)×१०-४ fm३ |
फिरक | १/२ |
आयसोफिरक | १/२ |
समता | +१ |
स्थिरता/आयुर्मान | २.१×१०२९ वर्षे (स्थिर) |
प्रोटॉन हे अणूंमधील धनभारित कण असतात. प्रोटॉन आणि न्यूट्रॉन यांना एकत्रितपणे न्यूक्लिऑन म्हणतात.एक किंवा अधिक न्यूक्लिऑन मिळून अणुकेंद्रक तयार होते. प्रोटॉनचे वस्तुमान न्यूट्रॉनपेक्षा किंचित कमी असते. प्रोटॉन जरी सहसा अणुकेंद्रात सापडत असले तरी हायड्रोजनच्या धनभारित आयन स्वरूपात त्यांचे स्वतंत्र अस्तित्व असते.