दुसरा कांतीरव नरसराज
| दुसरा कांतीरव नरसराज | ||
|---|---|---|
| मैसुरुचा १५वा राजा | ||
| अधिकारकाळ | १७०४-१७१४ | |
| अधिकारारोहण | १७०४ | |
| राज्याभिषेक | १७०४ | |
| राजधानी | मैसुरु | |
| जन्म | १६७३ | |
| मृत्यू | १७०१४ | |
| पूर्वाधिकारी | चिक्कदेवराज | |
| उत्तराधिकारी | दोड्डा कृष्णराज | |
| वडील | चिक्कदेवराज | |
| राजघराणे | वडियार घराणे | |
| धर्म | हिंदू | |
दुसरा कांतीरव नरसराज हा मैसुरुचा १५वा राजा होता. हा १७०४-१७१४ दरम्यान सिंहासनावर होता.
हा जन्मतः मूक-बधिर होता त्यामुळे त्याला मुक-अरसु ("मूक राजा") असे नाव होते. [१] असे असताही पंतप्रधान तिरुमला अय्यंगारच्या आग्रहाने व राजकारणाने हा सिंहासनावर बसला. [१]
कांतीरव चिक्कबल्लापूर जिंकण्याच्या मोहिमेत स्वतः सहभागी झाला होता आणि युद्धात तो मृत्यू पावला.[१] त्याच्या नंतर त्याचा मुलगा दोड्डा कृष्णराज सिंहासनावर आला.
- ^ a b c Rice 1897a, p. 369