गायत्री सहस्रनाम
गायत्री सहस्रनाम हे हिंदू धर्मातील संस्कृत स्तोत्र असून गायत्री देवीची उपासना करताना वापरले जाते.[१]
गायत्री देवी आणि गायत्री मंत्र
गायत्री देवी ही एक हिंदू धर्मातील आराध्य देवता असून गायत्री मंत्राला अतिशय शक्तिशाली मंत्राचा दर्जा दिला जातो. हिंदू धर्मातील मान्यतेनुसार महर्षि विश्वामित्रांंनी गायत्री देवीची कठोर तपस्या केली आणि गायत्री मंत्राची रचना केली.[२]
- गायत्री मंत्र -
“ | तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। | ” |
(ऋग्वेद ३,६२,१०)
- ॐ अर्थात 'प्रणव' सहित गायत्री मंत्र -
“ | ॐ तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। | ” |
- गायत्री महामंत्र -
“ | ॐ भूर्भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। | ” |
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सहस्रनाम/सहस्त्रनाम
(शाब्दिक अर्थ - हजार नावे) संस्कृत साहित्यात सहस्रनाम ही एक स्तोत्र मंत्राची विशिष्ट रचना असून यात आपल्या आराध्य दैवताच्या एक हजार नावांचा समावेश असतो. जसे की विष्णू सहस्रनाम, ललितासहस्रनाम, गणेश सहस्रनाम, शिव सहस्रनाम, बटुकभैरव सहस्रनाम इत्यादी. अशाच प्रकारे गायत्री सहस्रनाम स्तोत्रात गायत्री देवीच्या एक हजार नावांचा उल्लेख आढळतो.
श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र
गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र किंवा गायत्री सहस्रनामावली मध्ये गायत्री देवीच्या एक हजार नावांचा उल्लेख असून प्रत्येक नाव हे गायत्री देवीशी संबंधित असून त्यात गायत्री देवीचे एक एक वैशिष्ट्य दिसून येते.[३][४]
'श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र' किंवा 'गायत्री सहस्रनामावली' संस्कृत विकिस्रोत वर उपलब्ध आहे.
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संदर्भ
- ^ "'गायत्री ' महामन्त्र से लाभ उठाने के लिए − - Akhandjyoti January 1955 :: (All World Gayatri Pariwar)".
- ^ "जानिए गायत्री मंत्र का अविष्कार करने वाले ऋषि विश्वामित्र के बारे में)".
- ^ "Ved Mata-Devi Gaytri" (हिंदी भाषेत). 2021-01-15 रोजी मूळ पान पासून संग्रहित. ९ मार्च २०२१ रोजी पाहिले.
- ^ ज्ञानदान भाग- १.