ख्मेर राजवंश
ख्मेर राजवंश हा आग्नेय आशियातील ख्मेर साम्राज्यावर इ.स.च्या नवव्या ते पंधराव्या शतकांत राज्य करणारा राजवंश होता. मुख्यत्वे हिंदू धर्मीय असलेल्या या राजांनी नंतर बौद्ध धर्म अंगिकारला.
साधारण कंबोडिया, थायलंड व आसपासच्या प्रदेशात सत्ता असलेले हे राजे स्वतःस देवराजे म्हणवून घेत.
राजे
राजा | राजा | इतर नावे | राज्यकाल |
१ | जयवर्मन दुसरा | जयवर्मन | इ.स. ८०२-इ.स. ८५० |
२ | जयवर्मन तिसरा | जयवर्धन | इ.स. ८५०–इ.स. ८७७ |
३ | इंद्रवर्मन पहिला | इंद्रवर्मन | इ.स. ८७७–इ.स. ८८९ |
४ | यशोवर्मन पहिला | यशोवर्धन | इ.स. ८८९–इ.स. ९०० |
५ | हर्षवर्मन पहिला | हर्षवर्मन | इ.स. ९००–इ.स. ९२५ |
६ | इशानवर्मन दुसरा | इशानवर्मन | इ.स. ९२५–इ.स. ९२८ |
७ | जयवर्मन चौथा | जयवर्मन | इ.स. ९२८–इ.स. ९४१ |
८ | हर्षवर्मन दुसरा | हर्षवर्मन | इ.स. ९४१–इ.स. ९४४ |
९ | राजेद्रवर्मन दुसरा | राजेद्रवर्मन | इ.स. ९४४–इ.स. ९६८ |
१० | जयवर्मन पाचवा | जयवर्मन | इ.स. ९६८–इ.स. १००१ |
११ | उदयादित्यवर्मन पहिला | उदयादित्यवर्मन | इ.स. १००२ |
१२ | जयविरहवर्मन | जयविरहवर्मन | इ.स. १००२–इ.स. १००६ |
१३ | सूर्यवर्मन पहिला | सूर्यवर्मन | इ.स. १००६–इ.स. १०५० |
१४ | उदयादित्यवर्मन दुसरा | उदयादित्यवर्मन | इ.स. १०५०–इ.स. १०६६ |
१५ | हर्षवर्मन तिसरा | हर्षवर्मन | इ.स. १०६६–इ.स. १०८० |
१६ | नृपतिंद्रवर्मन | नृपतिंद्रवर्मन | इ.स. १०८०–इ.स. १११३ |
१७ | जयवर्मन सहावा | जयवर्मन | इ.स. १०८०–इ.स. ११०७ |
१८ | धारणेंद्रवर्मन पहिला | धारणेंद्रवर्मन | इ.स. ११०७–इ.स. १११३ |
१९ | सूर्यवर्मन दुसरा | सूर्यवर्मन | इ.स. १११३–इ.स. ११५० |
२० | धारणेंद्रवर्मन दुसरा | धारणेंद्रवर्मन | इ.स. ११५०–इ.स. ११५६ |
२१ | यशोवर्मन दुसरा | यशोवर्मन | इ.स. ११५६–इ.स. ११६५ |
२२ | त्रिभुवनादित्यवर्मन | त्रिभुवनादित्यवर्मन | इ.स. ११६५–इ.स. ११७७ |
चंपाचे आक्रमण: इ.स. ११७७-इ.स. ११८१ | |||
२३ | जयवर्मन सातवा | जयवदन | इ.स. ११८१–इ.स. १२१८ |
२४ | इंद्रवर्मन दुसरा | इंद्रवर्मन | इ.स. १२१८–इ.स. १२४३ |
इंद्रवर्मनच्या राज्यकाळात इ.स. १२३८मध्ये फो खून श्री इंद्रजित याने सुकोथाईमध्ये वेगळे राज्य स्थापले. हे थायलंडमधील पहिले मोठे राज्य होते. | |||
२५ | जयवर्मन आठवा | जयवर्मन | इ.स. १२४३–इ.स. १२९५ |
२६ | इंद्रवर्मन तिसरा | श्री इंद्रवर्मन | इ.स. १२९५–इ.स. १३०७ |
२७ | इंद्रजयवर्मन | श्री जयवर्मन | इ.स. १३०७–इ.स. १३२७ |
२८ | जयवर्मन नववा | जयवर्मन ब्रह्मेश्वर/जयवर्मन परमेश्वर | इ.स. १३२७–इ.स. १३३६ |
२९ | त्रोसोक पीम | पोन्हिआ जय | इ.स. १३३६–इ.स. १३४० |
३० | निप्पियन बाट | निप्पियन बाट | इ.स. १३४०–इ.स. १३४६ |
३१ | लोंपोंग राजा | लोंपोंग राजा | इ.स. १३४६–इ.स. १३५१ |
इ.स. १३५२-इ.स. १३५७ दरम्यान सयाम (थायलंड)चे आक्रमण | |||
३२ | सोर्यावोंग | सूर्यवंग | इ.स. १३५७–इ.स. १३६३ |
३३ | बोरोम रीचीआ पहिला | ब्रह्मराज | इ.स. १३६३–इ.स. १३७३ |
३४ | थोम्मा साओक | थोम्मा साओक | इ.स. १३७३–इ.स. १३९३ |
१३९३मध्ये सयाम (थायलंड)चे आक्रमण | |||
३५ | इन रीचीआ | इंद्र राजा | इ.स. १३९४-इ.स. १३२१च्या सुमारास |
३६ | बोरोम रीचीआ दुसरा | ब्रह्मराज दुसरा, पोन्हीआ याट | इ.स. १४२१च्या सुमारास–इ.स. १४६३ |
हे सुद्धा पहा
- चेन्ला राजवंश
- कंबोडियाचे राज्यकर्ते