केदार जाधव
| केदार जाधव | ||||
| व्यक्तिगत माहिती | ||||
|---|---|---|---|---|
| जन्म | २६ मार्च, १९८५ | |||
| पुणे,भारत | ||||
| विशेषता | फलंदाजी | |||
| फलंदाजीची पद्धत | उजव्या हाताने | |||
| गोलंदाजीची पद्धत | उजव्या हाताने ऑफ ब्रेक | |||
| राष्ट्रीय स्पर्धा माहिती | ||||
| वर्ष | संघ | |||
| २००७ - सद्य | महाराष्ट्र (संघ क्र. भारत) | |||
| दिल्ली डेअरडेव्हिल्स (संघ क्र. चेन्नई सुपर किंग्स) | ||||
| कारकिर्दी माहिती | ||||
| प्र.श्रे. | लि.अ. | टि२० | ||
| सामने | ३१ | २७ | २३ | |
| धावा | १७६४ | ११४८ | २६९ | |
| फलंदाजीची सरासरी | ४१.०२ | ४९.९१ | १६.८१ | |
| शतके/अर्धशतके | २/११ | ४/५ | ०/२ | |
| सर्वोच्च धावसंख्या | ११४ | १४१ | ६० | |
| चेंडू | ३० | १८ | ५४ | |
| बळी | ० | ० | ४ | |
| गोलंदाजीची सरासरी | – | - | १९.५ | |
| एका डावात ५ बळी | - | - | ० | |
| एका सामन्यात १० बळी | - | - | ० | |
| सर्वोत्तम गोलंदाजी | - | - | २/२३ | |
| झेल/यष्टीचीत | ०/१६ | ०/१६ | ०/९ | |
क्रिकेट विक्रम
आंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय सामने
महाराष्ट्र क्रिकेट संघातील खेळाडूंमध्ये भारतीय संघात स्थान मिळविण्याची क्षमता नाही, अशी नेहमीच टीका केली जात असते. मात्र महाराष्ट्राच्या हृषीकेश कानिटकर याने १९८८ मध्ये ढाका येथे झालेल्या आंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्पर्धेत पाकिस्तानविरुद्धच्या अंतिम सामन्यात शेवटच्या चेंडूवर चौकार मारून भारतास विजेतेपद मिळवून दिले होते. त्याची ही कामगिरी टीकाकारांकडून नेहमीच विसरली जाते. केदार जाधव याच्याबाबत असेच दिसून आले. ज्या वेळी इंग्लंडविरुद्ध रविवारी पुण्यात खेळल्या गेलेल्या एकदिवसीय सामन्यात केदारला अंतिम अकरा खेळाडूंमध्ये स्थान देण्यात आले त्या वेळी अनेक क्रिकेटपंडितांनी भुवया उंचावल्या होत्या. त्याच्यापेक्षा अमित मिश्रा किंवा अजिंक्य रहाणे याला संधी द्यायला पाहिजे होती, अशी टिप्पणी लगेचच समाजमाध्यमांवर उमटली होती. मात्र केदारने अद्वितीय शतकी खेळी करत आपल्या टीकाकारांना सडेतोड उत्तर दिले आहे.