ऑलिंपिक खेळात भारत
ऑलिंपिक खेळात भारत | ||||||||||||
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पदके | सुवर्ण ९ | रौप्य ७ | कांस्य १२ | एकूण २८ | ||||||||
ऑलिंपिक इतिहास | ||||||||||||
उन्हाळी ऑलिंपिक | ||||||||||||
१८९६ • १९०० • १९०४ • १९०८ • १९१२ • १९२० • १९२४ • १९२८ • १९३२ • १९३६ • १९४८ • १९५२ • १९५६ • १९६० • १९६४ • १९६८ • १९७२ • १९७६ • १९८० • १९८४ • १९८८ • १९९२ • १९९६ • २००० • २००४ • २००८ • २०१२ • २०१६ • २०२० • २०२४ | ||||||||||||
हिवाळी ऑलिंपिक | ||||||||||||
१९६४ • १९६८ • १९७२ • १९७६ • १९८० • १९८४ • १९८८ • १९९२ • १९९४ • १९९८ • २००२ • २००६ • २०१४ • २०१८ |
भारत देशाने आजवर १८९६, १९०४, १९०८ व १९१२ सालांमधील स्पर्धा वगळता सर्व उन्हाळी ऑलिंपिक स्पर्धांमध्ये सहभाग घेतला आहे. ऑलिंपिक खेळात भारताचा सर्वप्रथम सहभाग सन १९०० मध्ये झाला. त्यावेळी नॉर्मन प्रितचार्ड ह्या एकमेव ॲथलिटने भारतातर्फे भाग घेतला, ज्यामध्ये त्याने २ पदके मिळविली. देशाचा पहिला संघ १९२० उन्हाळी ऑलिंपिक स्पर्धेसाठी पाठविला गेला .
इतिहास
१९२० च्या संघात २ कुस्तीगीर, ३ ॲथलिट आणि मॅनेजर यांचा समावेश होता. ४ खेळाडूंमधून, फक्त फाडेप्पा चौगुले हा एकच खेळाडू मॅरेथॉन पूर्ण करु शकला. ४२.७५० किमी अंतर पार करण्यासाठी त्याने २ तास ५० मिनीटे आणि ४५.४ सेकंद अशी वेळ दिली आणि १९ व्या क्रमांकासह भारताचा पहिला ऑलिंपिक मॅरेथॉन धावपटू होण्याचा बहूमान फाडेप्पा चौगुले याला मिळाला.
आतापर्यंत भारतीय खेळाडूंनी ऑलिंपिक मध्ये एकूण २६ पदके मिळविली आहेत, त्यापैकी सर्वात जास्त ११ पदके हॉकी मध्ये आहेत. बऱ्याच काळापर्यंत भारतचा पुरूष हॉकी संघ ऑलिंपिक खेळात सर्वोच्च स्थानावर होता. १९२८-१९५६ या काळात लागोपाठ मिळविलेल्या ६ सूवर्ण पदकांसह, १९२८-१९८० या १२ वर्षांच्या कालखंडात पुरूष हॉकी संघाने तब्बल ११ पदके मिळविली.
भारतीय ऑलिंपिक असोसिएशन ह्या भारताच्या राष्ट्रीय ऑलिंपिक संघटनेची स्थापना १९२७ साली झाली.
२०१२ उन्हाळी ऑलिंपिक भारतासाठी सर्वांत जास्त यशस्वी ठरले. यावेळी भारताला ६ पदके मिळाली (२५ मी रॅपिड फायर नेमबाजी मध्ये विजय कुमारला रौप्य पदक, ६६ किलो फ्रिस्टाईल कुस्तीमध्ये सुशिल कुमारला रौप्य पदक, प्रत्येकी एक कांस्य पदक १० मीटर एर रायफल नेमबाजी मध्ये गगन नारंग, महिला एकेरी बॅटमिंटन मध्ये सायना नेहवाल, ५१ किलो बॉक्सिंग मध्ये मेरी कोम आणि ६० किलो फ्रिस्टाईल कुस्तीमध्ये योगेश्वर दत्त यांना मिळाले)
२००८ उन्हाळी ऑलिंपिकमध्ये भारताला तीन वेगवेगळ्या क्रिडाप्रकारांत तीन पदके मिळाली. यामध्ये अभिनव बिंद्राला १० मी एर रायफल मध्ये मिळालेले सुवर्णपदक हे कोणत्याही भारतीयाला मिळालेले पहिले आणि आतापर्यंतचे पहिले सुवर्ण पदक आहे.
२०१२ उन्हाळी ऑलिंपिकमध्ये भारताकडून आतापर्यंत सर्वांत जास्त ८३ खेळाडू ऑलिंपिकसाठी पात्र ठरले. याशिवाय भारतीय खेळाडूंनी एकूण ५५ क्रिडाप्रकारांत भाग घेतला, ही सूद्धा भारताची आतापर्यंतची सर्वांत मोठी मिळकत म्हणावी लागेल. एकूण पदकांच्या संख्येनुसार विचार केल्यास हे ऑलिंपिक भारतासाठी सर्वात जास्त यशस्वी ठरले.
सुशील कुमार हा नॉर्मन प्रितचार्ड(ज्याने ब्रिटिश राजवटीतील भारताकडून खेळताना दोन पदके जिंकली होती) नंतर एकच क्रिडाप्रकारात २ ऑलिंपिक पदके मिळविणारा पहिला भारतीय ठरला.
पदक विजेते
पदक | नाव | स्पर्धा | खेळ | प्रकार |
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रजत | नॉर्मन प्रितचार्ड | १९०० पॅरिस | ऍथलेटिक्स | पुरुष २०० मीटर |
रजत | नॉर्मन प्रितचार्ड | १९०० पॅरिस | ऍथलेटिक्स | पुरुष २०० मीटर हर्डर्ल्स |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९२८ एम्सटर्डम | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९३२ लोस एंजेलेस | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९३६ बर्लिन | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९४८ लंडन | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९५२ हेलसिंकी | हॉकी | पुरुष |
कांस्य | खाशाबा जाधव | १९५२ हेलसिंकी | कुस्ती | पुरुष फ्रीस्टाइल बॅंटाम्वेइघ्त |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९५६ मेलबर्न | हॉकी | पुरुष |
रजत | राष्ट्रीय संघ | १९६० रोम | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९६४ तोक्यो | हॉकी | पुरुष |
कांस्य | राष्ट्रीय संघ | १९६८ मेक्सिको | हॉकी | पुरुष |
कांस्य | राष्ट्रीय संघ | १९७२ मुनिच | हॉकी | पुरुष |
सुवर्ण | राष्ट्रीय संघ | १९८० मोस्को | हॉकी | पुरुष |
कांस्य | लिएंडर पेस | १९९६ अटलांटा | टेनिस | पुरुष एकेरी |
कांस्य | कर्णम मल्लेस्वरी | २००० सिडनी | वेटलिफ्टिंग | महिला ६९ की.ग्रा. |
रजत | राजवर्धन सिंघ राठौर | २००४ अथेन्स | नेमबाजी | पुरुष डबल ट्रैप |
सुवर्ण | अभिनव बिंद्रा | २००८ बीजिंग | नेमबाजी | पुरुष १० मीटर एर रायफल |
कांस्य | सुशिल कुमार | २००८ बीजिंग | कुस्ती | फ्रीस्टाइल ६६ कि.ग्रा. |
कांस्य | विजेंदर सिंग | २००८ बीजिंग | बॉक्सिंग | मिडलवेट |
कांस्य | गगन नारंग | २०१२ लंडन | नेमबाजी | पुरुष १० मीटर एर रायफल |
रजत | विजय कुमार | २०१२ लंडन | नेमबाजी | पुरुष २५ मीटर रॅपिड फायर पिस्तूल |
रजत | सुशिल कुमार | २०१२ लंडन | कुस्ती | पुरूष फ्रिस्टाईल ६६ किलो |
कांस्य | सायना नेहवाल | २०१२ लंडन | बॅडमिंटन | महिला एकेरी |
कांस्य | मेरी कोम | २०१२ लंडन | बॉक्सिंग | महिला फ्लायवेट |
कांस्य | योगेश्वर दत्त | २०१२ लंडन | कुस्ती | पुरूष फ्रिस्टाईल ६० किलो |
रजत | पी. व्ही. सिंधू | २०१६ रियो | बॅडमिंटन | महिला एकेरी |
कांस्य | साक्षी मलिक | २०१६ रियो | कुस्ती | महिला फ्रीस्टाईल ५८ किलो |
पदकतालिका
उन्हाळी ऑलिंपिक प्रमाणे पदक
Games | सुवर्ण | रजत | कांस्य | एकूण |
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१९०० पॅरिस | ० | २ | ० | २ |
१९०४ सेंट लुइस | भाग घेतला नाही | |||
१९०८ लंडन | भाग घेतला नाही | |||
१९१२ स्टॉकहोम | भाग घेतला नाही | |||
१९२० ॲंटवर्प | ० | ० | ० | ० |
१९२४ पॅरिस | ० | ० | ० | ० |
१९२८ ॲम्स्टरडॅम | १ | ० | ० | १ |
१९३२ लॉस एंजेल्स | १ | ० | ० | १ |
१९३६ बर्लिन | १ | ० | ० | १ |
१९४८ लंडन | १ | ० | ० | १ |
१९५२ हेलसिंकी | १ | ० | १ | २ |
१९५६ मेलबर्न | १ | ० | ० | १ |
१९६० रोम | ० | १ | ० | १ |
१९६४ टोक्यो | १ | ० | ० | १ |
१९६८ मेक्सिको सिटी | ० | ० | १ | १ |
१९७२ म्युनिक | ० | ० | १ | १ |
१९७६ मॉंत्रियाल | ० | ० | ० | ० |
१९८० मॉस्को | १ | ० | ० | १ |
१९८४ लॉस एंजेल्स | ० | ० | ० | ० |
१९८८ सोल | ० | ० | ० | ० |
१९९२ बार्सिलोना | ० | ० | ० | ० |
१९९६ अटलांटा | ० | ० | १ | १ |
२००० सिडनी | ० | ० | १ | १ |
२००४ अथेन्स | ० | १ | ० | १ |
२००८ बीजिंग | १ | ० | २ | ३ |
२०१२ लंडन | ० | २ | ४ | ६ |
२०१६ रियो | ० | १ | १ | २ |
एकूण | ९ | ७ | १२ | २८ |
खेळाप्रमाणे पदक
Sport | सुवर्ण | रजत | कांस्य | एकूण |
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हॉकी | ८ | १ | 3 | १२ |
नेमबाजी | १ | २ | १ | ४ |
ॲथलेटिक्स | ० | २ | ० | २ |
कुस्ती | ० | १ | ५ | ६ |
बॉक्सिंग | ० | ० | २ | २ |
वेटलिफ्टिंग | ० | ० | १ | १ |
टेनिस | ० | ० | १ | १ |
बॅडमिंटन | ० | १ | १ | २ |
एकूण | ९ | ७ | १३ | २९ |