| सिंहासन |
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| निर्मिती वर्ष | १९७९ |
| निर्मीती | डी. व्ही. राव, जब्बार पटेल |
| दिग्दर्शक | जब्बार पटेल |
| कथा लेखक | अरुण साधू |
| पटकथाकार | विजय तेंडुलकर |
| संवाद लेखक | विजय तेंडुलकर |
| संकलन | एन. एस. वैद्य |
| छायांकन | सूर्यकांत लवंदे |
| गीतकार | सुरेश भट |
| संगीत | हृदयनाथ मंगेशकर |
| ध्वनी दिग्दर्शक | माधव पाताडे |
| पार्श्वगायन | आश भोसले, रवींद्र |
| वेशभूषा | बाळकृष्ण प्रभू |
| रंगभूषा | निवृत्ती दळवी |
| प्रमुख अभिनेते | अरुण सरनाईक, डॉ. श्रीराम लागू, निळू फुले, दत्ता भट, सतीश दुभाषी |
पार्श्वभूमी
अरुण साधू यांच्या 'मुंबई दिनांक' व 'सिंहासन' या कादंबऱ्यातील निवडक प्रसंगावर आधारित असलेल्या या चित्रपटात एका पत्रकाराच्या नजरेतून केलेले मुख्यमंत्रीपदासारख्या राजकीय सत्तापदासाठी चालणारे राजकारण, यात भरडली जाणारी प्रजा आणि कायम अनुत्तरित राहणारे सामाजिक प्रश्न याचं यथार्थ चित्रण आढळते.
==कथानक==या नाटकात रणवीर कपूर यांच्या बद्दल लिहिलेले आहे
उल्लेखनीय
या चित्रपटात खालील गाणी आहेत.
संदर्भ
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| १९५४-१९६० | - महात्मा फुले (१९५४)
- मी तुळस तुझ्या अंगणी (१९५५)
- – (१९५६)
- गृहदेवता (१९५७)
- धाकटी जाऊ (१९५८)
- – (१९५९)
- कन्यादान (१९६०)
| | प्रमाणपत्र | - – (१९५४)
- शेवग्याच्या शेंगा (१९५५)
- – (१९५६)
- – (१९५७)
- – (१९५८)
- – (१९५९)
- उमज पडेल तर (१९६०)
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| १९६१-१९८० | - मानिनी]] (१९६१)
- रंगल्या रात्री अश्या (१९६२)
- हा माझा मार्ग एकला (१९६३)
- पाठलाग (१९६४)
- साधी माणसं (१९६५)
- – (१९६६)
- संथ वाहते कृष्णामाई (१९६७)
- एकटी (१९६८)
- तांबडी माती (१९६९)
- मुंबईचा जावई (१९७०)
- – (१९७१)
- पिंजरा (१९७२)
- – (१९७३)
- – (१९७४)
- सामना (१९७५)
- – (१९७६)
- जैत रे जैत (१९७७)
- – (१९७८)
- सिंहासन (१९७९)
- – (१९८०)
| | प्रमाणपत्र | - वैजयंता आणि माणसाला पंख असतात (१९६१)
- जावई मझा भला आणि गरीबा घरची लेक (१९६२)
- ते माझे घर (१९६३)
- तुका झालासी कळस आणि सवाल माझा ऐका! (१९६४)
- युगे युगे मी वाट पहिली (१९६५)
- (१९६५ नंतर बंद झाले)
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| १९८१-२००० | - उंबरठा (१९८१)
- शापीत (१९८२)
- स्मृती चित्रे (१९८३)
- महानंदा (१९८४)
- पुढचे पाऊल (१९८५)
- – (१९८६)
- सरजा (१९८७)
- – (१९८८)
- कळत नकळत (१९८९)
- – (१९९०)
- – (१९९१)
- एक होता विदूषक (१९९२)
- लपंडाव (१९९३)
- – (१९९४)
- बांगरवाडी (१९९५)
- राव साहेब (१९९६)
- – (१९९७)
- तू तिथे मी (१९९८)
- घराबाहेर (१९९९)
- अस्तित्व (२०००)
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| २००१- सद्द्य | |
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