Jump to content

सरफरोशी की तमन्ना

बिस्मिल यांनी स्वातंत्र्यसैनिकांना उद्देशून ही गझल लिहिली होती
"सरफरोशी की तमन्ना"
गझल
भाषाउर्दू
इंग्रजी नाव Sarfroshi Ki Tamanna
प्रदर्शित सबाह (दिल्ली)
गीतकार बिस्मिल

सरफरोशी की तमन्ना ही एक उर्दू देशभक्तीपर गझल आहे जी बिस्मिल अजीमाबादी यांनी भारतीय स्वातंत्र्यलढ्यातील तरुण स्वातंत्र्यसैनिकांना उद्देशून लिहिली होती.[][][]

रचना आणि प्रकाशन

1921 मध्ये बिस्मिल यांनी ही कविता जालियनवाला बाग हत्याकांड आणि ब्रिटिशांच्या इतर अत्याचारांनंतर लिहिली. ही प्रथम दिल्लीहून प्रकाशित "सबाह" जर्नलमध्ये प्रकाशित झाली.[] गझलमध्ये 11 दोहे आहेत. खुदा बख्श लायब्ररीने त्यांच्या डायरीची मूळ प्रत आणि पान जतन केले आहे ज्यामध्ये त्यांनी लिहिलेली ही कविता आणि त्यांचे गुरू शाद अजीमाबादी यांनी केलेल्या दुरुस्त्या आहेत.[]

स्वातंत्र्य चळवळ

भारतातील ब्रिटिश राजवटीच्या काळात एक युद्धगीत म्हणून ही कविता भारतीय स्वातंत्र्यसैनिक राम प्रसाद बिस्मिल यांनी अमर केली होती. ही कविता अश्फाकुल्ला खान, भगतसिंग आणि चंद्रशेखर आझाद यांसारख्या आंतर-युद्ध स्वातंत्र्यसैनिकांच्या तरुण पिढीशी देखील संबंधित आहे.[][][][]

१९९२ अर्थसंकल्प भाषण

कवितेची पहिली ओळ डॉ. मनमोहन सिंग यांनी 1992च्या त्यांच्या अर्थसंकल्पीय भाषणात लोकसभेमध्ये वाचली होती.[१०]

गझल

उर्दू देवनागरी

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے

دیکھنا ہے زور کتنا بازوئے قاتل میں ہے


کرتا نہیں کیوں دوسرا کچھ بات چیت

دیکھتا ھوں میں جسے وہ چپ تیری محفل میں ہے

اے شہید ملک و ملت میں تیرے اوپر نثار

اب تیری ہمت کا چرچہ غیر کی محفل میں ہے

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے


وقت آنے دے بتا دیں گے تجھے اے آسمان

ہم ابھی سے کیا بتائیں کیا ہمارے دل میں ہے

کھینج کر لائی ہے سب کو قتل ہونے کی امید

عاشقوں کا آج جمگھٹ کوچئہ قاتل میں ہے

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے


ہے لئے ہتھیار دشمن تاک میں بیٹھا ادھر

اور ہم تیار ہیں سینہ لئے اپنا ادھر

خون سے کھیلیں گے ہولی گر وطن مشکل میں ہے

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے


ہاتھ جن میں ہو جنون کٹتے نہیں تلوار سے

سر جو اٹھ جاتے ہیں وہ جھکتے نہیں للکا ر سے

اور بھڑکے گا جو شعلہ سا ہمارے دل میں ہے

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے


ہم جو گھر سے نکلے ہی تھے باندھ کے سر پہ کفن

جان ہتھیلی پر لئے لو، لے چلے ہیں یہ قدم

زندگی تو اپنی مہمان موت کی محفل میں ہے

سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے


یوں کھڑا مقتل میں قاتل کہہ رہا ہے بار بار

کیا تمناِ شہادت بھی کِسی کے دِل میں ہے

دل میں طوفانوں کی ٹولی اور نسوں میں انقلاب

ھوش دشمن کے اڑا دیں گے ہمیں روکو نہ آج

دور رہ پائے جو ہم سے دم کہاں منزل میں ہے


وہ جِسم بھی کیا جِسم ہے جس میں نہ ہو خونِ جنون

طوفانوں سے کیا لڑے جو کشتیِ ساحل میں ہے


سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے

دیکھنا ہے زور کتنا بازوئے قاتل میں ہے

सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।

देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है?


करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,

देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है

ऐ शहीदे-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत, मैं तेरे ऊपर निसार,

अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है


वक़्त आने पर बता देंगे तुझे, ए आसमान,

हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है

खेँच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उमीद,

आशिक़ोँ का आज जमघट कूच-ए-क़ातिल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।


है लिये हथियार दुश्मन, ताक में बैठा उधर

और हम तैय्यार हैं; सीना लिये अपना इधर।

खून से खेलेंगे होली, गर वतन मुश्किल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।


हाथ, जिन में हो जुनूँ, कटते नहीं तलवार से;

सर जो उठ जाते हैं वो, झुकते नहीं ललकार से।

और भड़केगा जो शोला, सा हमारे दिल में है;

सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।


हम तो निकले ही थे घर से, बाँधकर सर पे कफ़न

जाँ हथेली पर लिये लो, बढ चले हैं ये कदम।

जिन्दगी तो अपनी महमाँ, मौत की महफ़िल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है।


यूँ खड़ा मक़्तल में क़ातिल, कह रहा है बार-बार;

क्या तमन्ना-ए-शहादत, भी किसी के दिल में है?

दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब;

होश दुश्मन के उड़ा, देंगे हमें रोको न आज।

दूर रह पाये जो हमसे, दम कहाँ मंज़िल में है


वह जिस्म भी क्या जिस्म है, जिसमें न हो ख़ून-ए-जुनूँ;

तूफ़ानों से क्या लड़े जो, कश्ती-ए-साहिल में है।


सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है;

देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है।


अलीकडील वापर

कविता अलीकडेच विविध जनआंदोलनांद्वारे वापरली जात आहे, जसे की भारतातील सी.ए.ए. कायद्याविरूद्ध निदर्शने,पाकिस्तानी विद्यार्थी एकता मार्च, इत्यादी.[११][१२]

लोकप्रिय संस्कृतीत

भगतसिंग यांच्या जीवनावरील मनोज कुमार यांच्या शहीद (1965) मध्ये ही कविता वापरली होती. तसेच ही कविता पुन्हा दोन चित्रपटांच्या गाण्यांसाठी (बदललेल्या ओळींसह) वापरली गेली: 1999च्या सरफरोश (जिंदगी मौतना बन जाये) चित्रपटाच्या शीर्षक गीतात आणि 2002च्या हिंदी चित्रपट, द लिजेंड ऑफ भगत सिंगमध्ये. 2000 मध्ये आलेल्या धडकन आणि 2006 मध्ये आलेल्या रंग दे बसंती या सिनेमातही ही कविता वापरण्यात आली आहे. अनुराग कश्यपच्या गुलाल या 2009च्या चित्रपटातही या कवितेचा संक्षिप्त स्वरूपात संदर्भ दिला आहे.[१३] अजय देवगणच्या २०२१ मध्ये आलेल्या भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया या चित्रपटातही ही कविता अलीकडेच वापरली गेली आहे.

संदर्भ

  1. ^ "फांसी के तख्त पर आखिरी सांस तक बिस्मिल ने गाया था 'सरफरोशी की तमन्ना,' जानें कैसे आईं ये अमर लाइनें | News in Hindi". zeenews.india.com. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  2. ^ "Sarfaroshi ki Tamanna: Remembering the firebrand revolutionary Ram Prasad Bismil - Oneindia News". www.oneindia.com (इंग्रजी भाषेत). 2018-08-14. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  3. ^ "Sarfaroshi Ki Tamanna Ab Hamaarey Dil Mei Hai". NewsClick (इंग्रजी भाषेत). 2019-12-19. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  4. ^ "तो किसने लिखी थी 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में'". Amar Ujala (हिंदी भाषेत). 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  5. ^ Muhammad, Shan (2002). Muslims and India's Freedom Movement (इंग्रजी भाषेत). Institute of Objective Studies.
  6. ^ "'सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' कहते हुए बिस्मिल ने पहना था फांसी का फंदा, पढ़िए उनकी कविताएं". News18 हिंदी (हिंदी भाषेत). 2018-12-19. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  7. ^ "तो किसने लिखी थी 'सरफ़रोशी की तमन्ना..'". BBC News हिंदी (हिंदी भाषेत). 2015-08-15. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  8. ^ "Arnab Goswami ruins Bismil's iconic 'Sarfaroshi Ki Tamanna...'". The Siasat Daily (इंग्रजी भाषेत). 2020-10-10. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  9. ^ Noorani, Abdul Gafoor Abdul Majeed (1996). The Trial of Bhagat Singh: Politics of Justice (इंग्रजी भाषेत). Konark Publishers. ISBN 978-81-220-0429-8.
  10. ^ "1992 - Annual Union Budget | Ghostarchive". ghostarchive.org. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  11. ^ ANI (2020-03-23). "Lata Mangeshkar pays tribute on Shaheed Diwas with 'Sarfaroshi Ki Tamanna'".
  12. ^ "'Sarfaroshi ki tamanna ab hamaare dil mein hai' - Leather jacket-clad student takes Pak by storm [VIRAL VIDEO]". www.timesnownews.com. 2022-03-23 रोजी पाहिले.
  13. ^ Sharjeel, Shahzad (2020-01-02). "'Come to a head'". DAWN.COM (इंग्रजी भाषेत). 2022-03-23 रोजी पाहिले.