रेबेका सिमियन
| रेबेका सिमियन | |
|---|---|
| उपाख्य | सीमा घोसाळकर |
| आयुष्य | |
| जन्म | इ.स.१८५९ |
| मृत्यू | इ.स.१९०४ |
| व्यक्तिगत माहिती | |
| धर्म | ज्यू |
| नागरिकत्व | भारतीय |
| मूळ_गाव | अलिबाग |
| देश | ब्रिटिश भारत |
| भाषा | मराठी, हिंदी भाषा, गुजराती, कच्छी, उर्दू, इंग्रजी |
| पारिवारिक माहिती | |
| वडील | सुभेदार घोसाळकर |
| जोडीदार | सिमियन बेजामिन वाॅॅकर |
| अपत्ये | लिझी (मुलगी) |
| संगीत कारकीर्द | |
| कार्य | खासगी प्रसूतिगृह |
| विशेष कार्य | नीतिप्रसारक मंडळाची स्थापना |
| कारकिर्दीचा काळ | इ.स.१८६८ |
| गौरव | |
| विशेष उपाधी | नामांकित सुईण |
रेबेका सिमियन तथा सीमा घोसाळकर (१८५९-१९०४) या भारतीय सुईण होत्या. यांनी ग्रॅंट मेडिकल कॉलेजमधून प्रसूतीशास्त्राचे प्रशिक्षण घेतले व मुंबईमध्ये गर्भार आणि बाळंतीण स्त्रीयांसाठी दवाखाना चालविला. त्यांनी निती प्रसारक मंडळ या संस्थेची स्थापना केली.[१] सिमियन यांनी बाळंतीणी आणि अर्भकांची काळजी घेण्यासाठी मराठीतून अनेक पुस्तके लिहिली. यातील कुटुंब मित्र (१८७८) आणि सुईण (१८७९) यांना मराठी साहित्यातून प्रसिद्धी मिळाली. सिमियन यांच्या लिखाणातून प्राचीन वैद्यकीय उपाय आणि तत्कालीन आधुनिक पद्धतींचा समावेश दिसून येतो.
संदर्भ
- ^ अनगळ, पद्मा. "द एमर्जन्स ऑफ फेमिनिझम इन इंडिया: १८५०-१९२०". गूगलबुक्स. २०१८-०७-०२ रोजी पाहिले.