राग जौनपुरी
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| थाट | आसावरी | |||
| प्रकार | हिंदुस्तानी | |||
| जाती | षाडव संपूर्ण | |||
| स्वर | ||||
| आरोह | सा रे म प ध' नि' सां | |||
| अवरोह | सां नि' ध' प म प ध् म प ग' रे सा | |||
| वादी स्वर | ध | |||
| संवादी स्वर | ग | |||
| पकड | ||||
| गायन समय | दिवसाचा दुसरा प्रहर | |||
| गायन ऋतू | ||||
| समप्रकृतिक राग | आसावरी | |||
| उदाहरण | प्रेमभावे जीव जगी या नटला संगीत मानापमान कृ प्र खाडिलकर गायक प्रभाकर कारेकर | |||
| इतर वैशिष्ट्ये | (वरील चौकटीत हलंत शब्द (पाय मोडलेला) हा कोमल स्वर दर्शवितो. तसेच, स्वरानंतर असलेले ' हे चिन्ह कोमल स्वर दर्शविते. तार सप्तकातील स्वरांवर टिंबे दिलेली आहेत ) | |||
राग जौनपुरी हा भारतीय शास्त्रीय संगीतातील एक राग आहे.
त्याला जीवनपुरी असेही म्हणले जाते. सुलतान शर्की हे अमीर खुश्रू यांचे शिष्य होते त्यांनी ह्या रागाची निर्मिती केली असे म्हणतात.[१]
जौनपुरी रागातील काही गाणी
घूंघट के पट खोल तोहे पिया मिलेंगे (कबीराचे भजन)
जायें तो जायें कहॉं, समझेगा कौन यहॉं (टॅक्सी ड्रायव्हर)
देवा तुझा मी सोनार (अभंग, संत नरहरी सोनार, संगीत यशवंत देव , गायक - रामदास कामत)
तुझे रूप चित्ती राहो (चित्रपट - संत गोरा कुंभार, गीत- ग. दि. माडगुळकर, संगीत आणि गायक - सुधीर फडके)
दिल में हो तुम ऑंखों मे तुम (चित्रपट - सत्यमेव जयते)
पायल की झंकार बैरनिया (भीमसेन जोशी)
- ^ नादवेध - सुलभा पिशवीकर, अच्युत गोडबोले. पुणे: राजहंस प्रकाशन. 2013. p. 48. ISBN 81-7434-332-6.