युनिकोड : तंत्र आणि मंत्र
लेखक माधव शिरवळकर प्रकाशन :संगणक प्रकाशन प्रकाशन दिनांक :१ मे २०१०
आंतरराष्ट्रीय व्यवहारासाठी जशी सर्वसमान मानके तयार झालीत, तसे 'लिपीबदलासाठी साधलेले प्रमाणीकरण' असे युनिकोडचे वर्णन आहे.त्याकरता मोठा आंतरराष्ट्रीय उपद्व्याप करावा लागला. जगातल्या सगळ्या भाषा जाणून घेऊन, त्या भाषांसाठी वापरल्या जाणाऱ्या लिपी, त्या लिप्यांमधील अक्षर अन् अक्षर नोंदवावे लागले. त्यासाठी एक जागतिक महामंडळ (कन्सॉशिर्यम) बनवले गेले. तमिळनाडू आणि बंगाल ह्या राज्यांची सरकारे अशी दक्ष की त्यांनी भारत सरकारप्रमाणे आपापल्या राज्यांसाठी त्या कन्सॉशिर्यमचे सदस्यत्व घेतले व कन्सॉशिर्यमसमोर आपापल्या भाषेची बाजू मांडली. महाराष्ट्राने अशी तत्परता दाखवली नाही. ह्या मुद्याकडे मुद्दाम माधव शिरवळकरनी लक्ष वेधले आहे.
लेखक ह्या तंत्राचा गेल्या वीस वर्षांचा आणि त्यापूर्वीच्या तयारीचा भाग सांगतात,मायक्रोसॉफ्ट, गुगल ह्यांच्यासारख्या मोठमोठ्या जागतिक कंपन्यांमधील स्पर्धा, तरीसुद्धा एका मोठ्या उद्देशाने त्यांचे एकत्र येणे आणि त्यातून मानवी ज्ञानसंचितात पडलेली भर हे मुद्दे लेखकांनी मांडले आहेत.
शिरवळकर यांनी 'युनिकोड' संहितेतील काही उण्या बाजू; तसेच त्यांच्यासमोरील भविष्यातील आव्हाने यांचेही कथन केले आहे.[१] जर तुम्हाला सर्व अक्षरे योग्यप्रकारे दिसत नसतील तर ही pdf संचिका डाउनलोड करा (उतरवून घ्या)
देवनागरी युनिकोड | 0 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | A | B | C | D | E | F |
U+090x | ऀ | ँ | ं | ः | ऄ | अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ऋ | ऌ | ऍ | ऎ | ए |
U+091x | ऐ | ऑ | ऒ | ओ | औ | क | ख | ग | घ | ङ | ङ | च | छ | ज | झ | ञ |
U+092x | ट | ठ | ड | ढ | ण | त | थ | द | न | ऩ | प | फ | ब | भ | म | य |
U+093x | र | ऱ | ल | ळ | ऴ | व | श | ष | स | ह | ऻ | ऽ | ा | ि | ी | ु |
U+094x | ू | ृ | ॄ | ॅ | ॆ | े | ै | ॉ | ॊ | ो | ौ | ् | ॎ | ॏ | ॐ | ॒ |
U+095x | ॓ | ॔ | ॕ | ॖ | ॗ | क़ | ॖ | ॗ | क़ | ख़ | ग़ | ज़ | ड़ | ढ़ | फ़ | य़ |
U+096x | ॠ | ॡ | ॢ | ॣ | । | ॥ | ० | १ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ |
U+097x | ॰ | ॱ | ॲ | ॳ | ॴ | ॵ | ॶ | ॷ | ॸ | ॹ | ॺ | ॻ | ॼ | ॽ | ॾ | ॿ |
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संदर्भ
- ^ महाराष्ट्र टाईम्सचे संकेतस्थळ[permanent dead link]