एम.ओ.एच. फारूक
| एम.ओ. हसन फारूक | |
केरळचे राज्यपाल | |
| कार्यकाळ ८ सप्टेंबर २०११ – २६ जानेवारी २०१२ | |
| मागील | रामकृष्ण सूर्यभान गवई |
|---|---|
| पुढील | हंसराज भारद्वाज |
झारखंडचे राज्यपाल | |
| कार्यकाळ २२ जानेवारी २०१० – ४ सप्टेंबर २०११ | |
| मागील | के. शंकरनारायणन |
| पुढील | सय्यद अहमद |
लोकसभा सदस्य | |
| कार्यकाळ १९९१ – १९९८ | |
| मागील | पी. शण्मुगम |
| पुढील | एस. अरूमुगम |
| मतदारसंघ | पुडुचेरी |
| कार्यकाळ १९९९ – २००४ | |
| मागील | एस. अरूमुगम |
| पुढील | एस. रामदास |
पुडुचेरीचे मुख्यमंत्री | |
| कार्यकाळ १६ मे १९८५ – २१ जानेवारी १९८९ | |
| मागील | राष्ट्रपती राजवट |
| पुढील | राष्ट्रपती राजवट |
| जन्म | ६ सप्टेंबर १९३७ पॉंडिचेरी |
| मृत्यू | २६ जानेवारी, २०१२ (वय ७४) चेन्नई |
| राजकीय पक्ष | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस |
| धर्म | मुस्लिम |
एम.ओ. हसन फारूक मरिकार (तामिळ: எம்.ஓ.எச் ஃபரூக் மரைக்காயர், मल्याळम: എം.ഒ. ഹസൻ ഫാറൂഖ് മരിക്കാർ; ६ सप्टेंबर १९३७ - २६ जानेवारी २०१२) हे भारत देशातील केरळ व झारखंड राज्यांचे माजी राज्यपाल, लोकसभा सदस्य व तीन वेळा पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेशाचे मुख्यमंत्री होते.
१९६७ साली पुडुचेरीच्या मुख्यमंत्रीपदावर आलेले फारूक तेथील सर्वात तरुण मुख्यमंत्री होते. १९६७-१९६८, १९६९-१९७४ व १९८५-१९८९ ह्या तीन वेळा ते ह्या पदावर होते. १९९१, १९९६ व १९९९ साली ते पुडुचेरीमधून लोकसभेवर निवडून आले होते.
केरळच्या राज्यपालपदावर असताना २६ जानेवारी २०१२ रोजी त्यांचे चेन्नई येथे निधन झाले.